शास्त्रों का उपयोग

शास्त्रों का उपयोग-अनंत श्री

शास्त्रों का एक ही उपयोग है कि शास्त्रों से गुजर कर तुम्हें यह पता चल जाता है कि बोध का प्रकाश शास्त्रों से नहीं मिलता. प्रकाश से विपरीत शास्त्र अन्धकार में ले जाते हैं.

अन्धकार की भी एक नकारात्मक दिशा है और एक सकारात्मक दिशा. नकारात्मक दिशा यह है कि शास्त्रों का अध्ययन करके तुम्हारा अहंकार पोषित हो जाये और तुम मानने लगो कि तुमने जान लिया है. यह मान्यता का अहंकार तुम्हारी चेतना पर गहरे अँधेरे की तरह छा जाता है. इस अन्धकार से छुटकारा पाना आसान नहीं. प्रायः लोग इसी नकारात्मक दिशा में ही पाए जाते हैं.

और फिर है सकारात्मक दिशा अर्थात शास्त्रों से गुजरते-गुजरते तुम्हें यह पता चलने लगे कि यहाँ तो बोध की कोई सम्भावना नहीं. यह स्थिति भी तुम्हारी चेतना के प्रकाश को अँधेरे बादलों की तरह घेर लेती है. लेकिन इस स्थिति में तुम्हारा अहंकार अपने टिकने की जगह ही ढूंढ़ नहीं पाता और बिखरने लगता है. इस स्थिति में धीरे-धीरे, स्वयं से बाहर से आयातित ज्ञान की व्यर्थता दिखाई देती है और यह दिखाई देना ही अज्ञान के अँधेरे बादलों को हटाने लगता है.

तब धीरे-धीरे इस सजग प्रतीक्षा में एक दिन अज्ञान के अँधेरे बादल पूरी तरह हटते हैं और बोध का प्रकाश तुम्हें हर तरफ से घेर लेता है…

This Post Has 8 Comments

  1. परमवीर

    प्रणाम सदगुरु 🪷🪷🪷🌹🌺🥀🪻🌾🪴❤️❤️🙏🏻🙏🏻🙏🏻

    1. परमवीर

      🪷🪷🪷🌹🌹🌺🌺🥀🥀🪻🪻🌾🌾🪴🪴❤️❤️🙏🏻🙏🏻

  2. Puranjay Anant anaadi

    💜💛🩷🌸🍁🙏🏻

  3. अनीता

    🙏🙏🙏

  4. Neera Jain

    Naman Prabhu
    Humble salutations to your profound compassion and courage to enlighten us In your guidance we are able to cast aside a lifetime of culturally induced beliefs leading to liberation of thought and action
    Gratitude MY MYSTIC SEER

  5. Sunita singh

    🙏🙏🌹🌹

  6. Sapna Gadlng

    🙏🙏🌹

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