…मन तुम्हें स्वप्न देने का काम करता है और स्वप्न तुम्हें सोये रहने में सहायता करते हैं. तुम्हारी सामान्य नींद में भी स्वप्नों का एक बड़ा ही महत्वपूर्ण काम होता है, वो तुम्हारी नींद की सुरक्षा करते हैं, उनके ही कारण तुम्हारी नींद टूटने से बची रहती है.
कभी-कभी ऐसा भी होता है कि अगर तुम्हें नींद की बहुत आवश्यकता हो तो तुम्हारे स्वप्न तुम्हें ये स्वप्न भी दे देते हैं कि तुम जाग गए हो. अज्ञानी गुरु ऐसी ही स्वप्निल अवस्था में होते हैं, जहाँ उनके मन ने उन्हें खतरनाक स्वप्न दे दिया है कि वह जाग गए हैं. जागृति आने से पहले ही जागने का स्वप्न व्यक्ति को नींद में ही बनाये रखता है.
इसलिए ही सबसे अधिक नुकसान अज्ञानी गुरुओं से ही होता है. वो सीधे-साधे हो सकते हैं, उनके इरादे नेक हो सकते हैं, लेकिन वो स्वयं अभी एक स्वप्न के संसार में विचरण कर रहे होते हैं तो ऐसे में वो चाहकर भी किसी के जागरण में उसकी सहायता नहीं कर सकते.
गुरु जैसे हैं उन्हें उनके हाल पर छोड़ दो. संसार में हर तरह के गुरु हैं, पहले भी थे, आज भी हैं और आगे भी होंगे. एक खोजी साधक इन सारी बातों में उलझता ही नहीं. वह तो बिना किसी आलोचना व निंदा के एक तटस्थ जागरूकता के साथ अपनी अंतर्यात्रा में गहरे प्रवेश करता है.
गहरी और जीने योग्य बात….. नमन अहोभाव प्रभु ❤️🪷🙏🏻
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