जीवन प्रवाह है

जीवन प्रवाह है- अनंत श्री

जीवन प्रवाह है-

समस्त विपरीतताओं को

अपने में समेट कर बहता हुआ;

चिर पुरातन,

चिर नवीन,

अभी और यहीं

वर्तमान के शाश्वत क्षण में…

This Post Has 5 Comments

  1. अनीता

    💕🙏💕

  2. Sunanda

    🏵️🌟🏵️❤️💚💛💖🌹🙏🌹

  3. Rishi Prakash (Anant Santosh)

    Prnaam tathagat Sadguruji 🌹🙏🌹♥️

  4. Neera Jain

    My mystic seer
    ” समस्त विपरीताओं को
    अपने मैं समेट कर बहता हुआ ”

    ऐसा कह कर आपने
    संबंधों की पीरा
    को तिरोहित कर दिया है
    जीवन को करुणा के मंदिर का उच्च स्थान प्रदान किया है
    यहां सिर्फ विपरीताओं को मानने की बात नहीं है स्वयं मैं समेटने की समझ का आमंत्रण है ..अंतस मैं इस समझ का जागरण समग्र से जुड़ जाने का मार्ग अलौकिक कर देता है
    अनुग्रह प्रभु

Leave a Reply